से मेरे ब्लॉग पे आये, मुझे अच्छा लगा.

Sunday, April 5, 2009

उसके लिये


सुनो ए फूल सी लड़की
मेरे दिल के कच्चे आँगन में
कभी किसी दिन,
किसी उदास मौसम में,
किसी वीरान लम्हे में,
चुपके से, दबे पाँव उतरो तो ज़रा
मेरी आँखों पे
अपनी नरम-मुलायम
हथेलियाँ रख दो
और हँसते हुए कहो
बताओ कौन...??
बूझ लिया तो
"हम" तुम्हारे
ना बूझा तो
"तुम" हमारे...!!




बारिश
उसने कहा "बहुत हसीं हैं आपकी आँखें"
और हम ये सोच कर दिल में हँस दिए
उस बे-ख़बर को कौन समझाए..
बारिश के बाद ही मौसम निखरता है...!!


आओ बाँटे
आओ साथ में दुनिया को बाँट लें..
समंदर तुम्हारा, लहरें मेरी..
आसमां तुम्हारा, सितारें मेरे..
सूरज तुम्हारा, रोशनी मेरी..
चलो ऐसा करते हैं, सब कुछ तुम्हारा..
और तुम मेरी..!!





सुनो
बहुत वीरान मौसम में
तुम्हारे दिल में रोशन इक दीया
मेरी निशानी है..
अगर मैं भूल भी जाऊँ
तो इतना याद रखना तुम
समंदर मेरा क़िस्सा है,
हवा मेरी कहानी है...!!

13 comments:

  1. बहुत सुन्दर रचनाएं हैं।बधाई स्वीकारें।

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  2. बहुत अच्‍छी लगी आपकी रचना ... बधाई।

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  3. behad khubsurat ehsaas hai saare,wwaaahhhhhhh

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  4. shubhu i liked baarish most!:)

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  5. बहुत सुंदर रचना है और चित्र का क्या kahna

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  6. baarish & Aao Bantein are very great.behad sundar.

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  7. चलो ऐसा करते हैं
    सब कुछ तुम्‍हारा

    और तुम मेरी

    ...मन को छू गईं ये पंक्तियां।

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  8. your poetry is reaaly very nice..and the way of composition is superb....loved to read it.... God bless u..

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  9. हौसला अफ़जाई के लिए सभी का दिल से शुक्रिया.... :~)

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  10. lovely Sweetheart......nice to learn abt ur work n the blog.....keep it up.....m sure u can n will turn the tables soon....God Bless u...:)<3<3<3

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  11. @Neeta Ji

    Thank you so much for all the encouraging words.. always keep showering ur love n blessings.. many thanks.. :))

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