"मनु भैया को पुलिस ले गयी, शुभम भैया कुछ करो.."
प्रिंसी के ये शब्द सुनकर यकीन ही नहीं हुआ. क्योंकि इनके परिवार को तकरीबन पिछले 7-8 सालों से जानता हूँ.. बहुत ही सीधे-शरीफ़ लोग हैं.. कश्मीर से विस्थापित होने के बाद यहीं दिल्ली (ग़ाज़ियाबाद) में रह रहे हैं..
मनु से मिलने के बाद कल देर शाम तक सारी कहानी का पता चला.. और अब कुछ सवाल आत्मा को कचोट रहे हैं..
• हम कौनसे हिंदुस्तान में रह रहे हैं यार?
• कब तक हिंदुस्तान और हिन्दुस्तानी अपने स्वाभिमान का अपमान कराते रहेंगे?
दिल्ली में हुयी 'आज़ादी-बस एक रास्ता' सेमिनार में हुर्रियत के कट्टरवादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की तरफ़ एक जूता क्या उछल गया, इन मासूम देशभक्तों को जेल में डाल दिया? अलगाववादी ताक़तें हिंदुस्तान को गालियाँ देती रही, और कश्मीरी पंडितों को "भारत माता की जय" और "वन्दे मातरम्" कहने की क़ीमत चुकानी पड़ी!!
‘Kashmir should get Aazadi from bhookhe-nange Hindustan’ जैसे शब्द कहने वाली अरुंधती रॉय के लिए सुरक्षा और उसके इस नीच बयान का विरोध करने वाले देश के सपूतों को सज़ा??
आखिर कब तक अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर ऐसे लोग देश को गालियाँ देते रहेंगे?? अगर मैं अपनी अभिव्यक्ति की आज़ादी का उपयोग करूँ, तो मेरे हिसाब से देश के खिलाफ़ आवाज़ उठाने वालों का एक ही इलाज है.. गरम सलाइयों से इनकी ज़बानों में सुराख़ कर देने चाहिये..
दिल्ली में कल जो कुछ हुआ वाकई शर्म की बात है.. अलगाववादियों और तथाकथित बुद्धिजीवियों ने जो गंद मचाया है उसके बाद भी हमारी सरकार की आँख नहीं खुली?? सरकार को एक मिनट के लिए छोड़ भी दें तो मीडिया भी खामोश है, और अगर मीडिया को भी माफ़ कर दें तो हिंदुस्तान का आम आदमी भी सोया हुआ है..
होली, दीवाली, दशहरे.. CWG, Cricket.. आदित्य मसअले और अयोध्या मामले पर बढ़-चढ़ कर अपने विचार व्यक्त करने वाले bloggers और social network users भी शायद किसी और चीज़ में व्यस्त हैं..
खैर, इस गंदे अलगाववादी तूफ़ान के जवाब में आदरणीय श्री लाजपत राय जी की कविता आप सबकी नज़र -
और हाँ आपसे बस एक गुज़ारिश है - आप इस पोस्ट को 'like' करें या ना करें, इस पर 'comment' करें या ना करें, पर अगर मेरी और लाजपत राय जी की व्यथा जायज़ लगे तो इसे अपने 'pages' पर 'share' ज़रूर कीजियेगा!! हो सकता है कहीं कोई और सोयी आत्मा भी जाग जाये! और वैसे भी -
कविता लिखना खेल नहीं है, पूछो इन फनकारों से..
ये लोहे को काट रहे हैं, काग़ज़ की तलवारों से..!!
शुभकामनाओं सहित
शुभम
कांग्रेस के वोट बैंक पर कैसे हात डाल सकते हैं कांग्रेसी? यह तो अपना देश बेच दे अपनी खुदगर्जी में|
ReplyDeleteहर्ष
शुभम जी,
ReplyDeleteसही कहते हो हिंदुस्तान की सरकार आज इतनी लाचार हो जायेगी वोट कि खातिर सोचा न था, आब तो सिर्फ देश बेचना बाकि रह गया है | बाकि सब तो कर दिया इन कांग्रेसियों ने |
hamare neta sab napunsak hain aur ab hamen hi kuchh karna hoga warna kal koi hamara naam lene wala bhi nahin hoga iss duniya mein,thnx Shubham bhai...
ReplyDeleteHarsh ji/Gyanendra ji
ReplyDeletebaat sirf congress ki nahi hai.. lallu, maya, mulayam.... bahut lambi list hai! iss vote bank ki politics ne desh ki durgati kar rakhi hai..
@Jeetu bhai
hazaron saalon se hazaron logon ne koshishein kar lee, par Hindustan ka wajood mitana koi khel nahi hai.. jis din Guru Gobind Singh Ji ke baaz apni pe aa gaye naa yeh saale khaadi ke pankho wale kabootar ghosla dhoondhte phirenge..
media ne hamesha ki tarh one side stand liya hua hian kal hi suna 1 channel reporter bol raha tha-Bharat 1 democratic country hain yahn sabhi ko apni baat kahne ka haq hain...per is tarh ka virodh bilkul bhi uchit nahi hain blah blah...
ReplyDeleteaur ye Arundhati Roy jaise log India hian jo inhe sahn kar raha hian nahi to kahin aur hoti to Tasleema nasreen ki tarh bhagti fir rahi hoti
Shame To all
Deepti aap bilkul theek keh rahi ho.. Hindustan hai tabhi inn logon ki zubanein khuli hui hain, kahin aur hote toh garam kadhaiyon mein tale jaa rahe hote abhi..
ReplyDeleterahi baat media ki toh yeh log apna deen-imaan bech chuke hain.., inse kisi samajhdari ki ummeed nahi kar sakte hum log..
YE HUI NA BAAT JO ANTIM PANKTI KAWI NE KAHI HAI WAH AGAR SARKAR AMAL ME LAYE TO IS DESH SE AATANK WADI KHATM HO JAYENGE,,,,,,,,,,,,,,,
ReplyDeletelala bhai, sarkar sune tab naa..??
ReplyDeleteApne pages par iss link ko share karne ke liye, Jay bhai, Jatin, Jeetu bhaiya, Vikram, Purnima Ji, Neha, Kirti, Divya, Krishna, Madhur, Akhand Bharat, Sonu, Parul aur baaqi sabhi doston ka bahut shukriya..!!
ReplyDeleteकविता और लेख लिखना और देश के लिए ज़मीनी हकीकत में कुछ करने में ज़मीन आसमान का फर्क होता है | लिखकर अपनी अभिव्यक्ति करना बहुत आसान है, हिम्मत हो तो ज़मीन पर कुछ करके दिखाओ.... केवल कलम चलाने से क्या होगा? पढ़ता ही कौन है ? और जो पढ़ते हैं वो केवल पढ़ते ही हैं करते कुछ नहीं हैं.... और जो करते हैं उन्हें ऐसे लेख पढने की आवश्यकता ही नहीं पड़ती |
ReplyDeleteऔर छोड़िये बात देश की, देश है ही कहाँ ? हकीकत जानना हो तो ज़रा इसे पढ़िए:
http://indiatoday.intoday.in/site/Story/100420/Mail%20Today%20Stories/the-spy-who-was-never.html
http://www.outlookindia.com/article.aspx?266788
जब ऐसे लोगों के साथ इतना बुरा हो सकता है और कोई आवाज़ उठाने वाला नहीं है और न ही समय है किसी के पास, तो ऐसे लेख का क्या फायदा ?
लेखक उस वक़्त कहाँ थे जब इन सज्जनों के साथ ऐसा बर्ताव हुआ ? शायद निद्रा में लीन रहे होंगे; अब जब अपने लोगों पर आफत आन पड़ी है तो निद्रा भी टूट गयी और कलम के साथ अभिव्यक्ति भी होने लगी है :-) |
वाह ये देश ! वाह - वाह यहाँ पर पढने और लिखने वाले !! वाह - वाह-वाह 'ऐसे' लेखक !!!
@vaahreduniya
ReplyDeletebahut sahi bola hai bandhuvar.. ek ek shabd se sehmat huun.. wahi dard-peeda aur vyatha jhalak rahi hai aapki vaani mein!!
rahi baat 'aise lekhakon' ki, toh main toh kuch bhi nahi huun... kalam se aur bina kalam se desh ke liye jo kuch kar raha huun, use bataane ki zaroorat nahi samajhta..
baaqi lekhakon ki taraf se bolte hue ek qissa yaad aata hai - Hindi sahitya ke bahut bade kavi hain aadaniya Som ji.. ek baar lal qile ke sammelan mein manch par chadhte hue nehru ke paanv dagmaga gaye aur unke peeche chalte hue Som ji ne unhe girne se bacha liya.. baad mein nehru ne Som Ji ko dhanyawad kaha toh Som ji ne jawab mein kaha "Dhanyawad ki koi aavashykta nahi, kyuki rajneeti jab jab ladkhadayi hai, Kavita ne use sambhala hai, aur rajneeti jab jab ladkhadayegi kavita use sambhalegi.." :-)
दुखद स्थितियां हैं।
ReplyDeleteHi shubham,
ReplyDeleteDon't worry my fellow .
I also agree with the ideology of SHEED E AAJAM
& LALA ji. We the people have to change the bad situations kos we r young so its our duty to take some major steps towards whole,I think u know vat I mean .
If u have wont any support I m always vit u...
Inqalab alive forever !!
RAJ
शुभम जी मैं ही नहीं बाकि हिदुस्तानी भी जागेंगे .... अप जैसे जगाने वाले चाहिए ..
ReplyDeleteशुभकामनाएँ
लाजपत राइ जी की कविता की कॉपी आपके पास हो तो फिर से यू टुब पे फिर से डालिए ... ये वहाँ से हटा जा चुका है शायद ..
ReplyDeleteडालने के बाद हमें भी बताइयेगा जरूर मैं भी एक कॉपी download कर रखूँगा
Padhne ka, pasand karne ka aur share karne ka bahut aabhaar Pankaj bhai... :)
ReplyDeleteYoutube se apna channel pichle saal delete kar diya tha maine, Lajpat jee ka video mail kar dunga aapko..
shubh~kaamnayein :)
@Maddy/Raj
ReplyDeleteMany Thanks. Vande Maatram!!