मेरे दिल के कच्चे आँगन में
कभी किसी दिन,
किसी उदास मौसम में,
किसी वीरान लम्हे में,
चुपके से, दबे पाँव उतरो तो ज़रा
मेरी आँखों पे
अपनी नरम-मुलायम
हथेलियाँ रख दो
और हँसते हुए कहो
बताओ कौन...??
बूझ लिया तो
"हम" तुम्हारे
ना बूझा तो
"तुम" हमारे...!!
बारिश
उसने कहा "बहुत हसीं हैं आपकी आँखें"
और हम ये सोच कर दिल में हँस दिए
उस बे-ख़बर को कौन समझाए..
बारिश के बाद ही मौसम निखरता है...!!
आओ बाँटे
आओ साथ में दुनिया को बाँट लें..
समंदर तुम्हारा, लहरें मेरी..
आसमां तुम्हारा, सितारें मेरे..
सूरज तुम्हारा, रोशनी मेरी..
चलो ऐसा करते हैं, सब कुछ तुम्हारा..
और तुम मेरी..!!
सुनो
बहुत वीरान मौसम में
तुम्हारे दिल में रोशन इक दीया
मेरी निशानी है..
अगर मैं भूल भी जाऊँ
तो इतना याद रखना तुम
समंदर मेरा क़िस्सा है,
हवा मेरी कहानी है...!!
behad bhavpurna rachna...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचनाएं हैं।बधाई स्वीकारें।
ReplyDeleteबहुत अच्छी लगी आपकी रचना ... बधाई।
ReplyDeletebehad khubsurat ehsaas hai saare,wwaaahhhhhhh
ReplyDeleteshubhu i liked baarish most!:)
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना है और चित्र का क्या kahna
ReplyDeletewow u compose very well
ReplyDeletebaarish & Aao Bantein are very great.behad sundar.
ReplyDeleteचलो ऐसा करते हैं
ReplyDeleteसब कुछ तुम्हारा
और तुम मेरी
...मन को छू गईं ये पंक्तियां।
your poetry is reaaly very nice..and the way of composition is superb....loved to read it.... God bless u..
ReplyDeleteहौसला अफ़जाई के लिए सभी का दिल से शुक्रिया.... :~)
ReplyDeletelovely Sweetheart......nice to learn abt ur work n the blog.....keep it up.....m sure u can n will turn the tables soon....God Bless u...:)<3<3<3
ReplyDelete@Neeta Ji
ReplyDeleteThank you so much for all the encouraging words.. always keep showering ur love n blessings.. many thanks.. :))